भारत का संविधान कैसा है
भारत का संविधान अंशत: कठोर और अंशत: लचीला है
प्लासी की लड़ाई कब हुई थी
प्लासी की लड़ाई 1757 में हुई थी इस युद्ध में अंग्रेजों ने जीता था
बक्सर का युद्ध कब हुआ था
बक्सर का युद्ध 1764 में हुआ था इस युद्ध को अंग्रेजों ने जीता था
1773 का रेगुलेटिव एक्ट
अंग्रेजों के भारत में पारित पहला एक्ट कौन सा था
अंग्रेजों के द्वारा भारत में पारित पहले अधिनियम 1773 का रेगुलेटिव एक्ट था
किस एक्टर के द्वारा भारत में कंपनी के कामों पर संसद का नियंत्रण स्थापित किया गया
1773 के रेगुलेटिव एक्ट के माध्यम से भारत में शासन कर रही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी पर संसद का नियंत्रण स्थापित किया गया
किस एक्टर के द्वारा कोलकाता में एक प्रेसीडेंसी सरकार का निर्माण किया गया
1773 रेगुलेटिव एक्ट के द्वारा कोलकाता में एक प्रेसीडेंसी सरकार का निर्माण किया गया जिसमें एक गवर्नर जनरल और उसकी परिषद के चार सदस्य हुआ करते थे यह सभी मिलकर अपनी सत्ता का उपयोग करते थे
किस एक्ट के द्वारा अंग्रेजों ने भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की
1773 के रेगुलेटिव एक्ट के माध्यम से अंग्रेजों ने भारत के कोलकाता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की जिसमें एक मुख्य जज और उसके तीन सहायक जज थे इस सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 17 74 में की गई
किस एक्टर के द्वारा अंग्रेज सरकार ने भारत में पूर्ण रूप से रिश्वत लेने पर प्रतिबंध लगा दिया
1773 के रेगुलेटिव एक्ट के द्वारा ब्रिटिश सरकार ने यहां स्पष्ट आदेश पारित कर दिया कि ना तो भारत का कोई आधिकारिक कर्मचारी रिश्वत ले सकता है और ना ही भारतीयों से किसी प्रकार का उपहार
किस एक्ट में भारत से संबंधित प्रत्येक मामले की जानकारी ब्रिटिश संसद को देना आवश्यक है
1773 के रेगुलेटिव एक्ट में यहां स्पष्ट किया गया कि भारत से संबंधित किसी भी प्रकार के मामले की जानकारी ब्रिटेन की सरकार को देना आवश्यक है चाहे वह मामले व्यापारिक हो या राजनीतिक
1781 का एक्ट आफ सेटेलमेंट
किस एक्ट के माध्यम से 1773 के एक्ट की कमियों को दूर किया गया
1781 में एक्ट आफ सेटेलमेंट पारित किया गया जिसके माध्यम से 1773 के एक्ट की कमियों को दूर किया गया साथ ही कोलकाता की सरकार को बंगाल और उड़ीसा के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया
1784 का पिट्स इंडिया एक्ट
किस एक्टर के द्वारा भारत में दोहरा प्रशासन शुरू हुआ
1784 में पिट्स इंडिया एक्ट पारित किया गया जिसके द्वारा भारत में दोहरे प्रशासन की शुरुआत की गई इस समय दो संस्थाओं का गठन किया गया बोर्ड आफ डायरेक्टर और बोर्ड ऑफ कंट्रोलर
1813 का चार्टर्ड अधिनियम
किस एक्टर के द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापार के अधिकार पत्र को एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया
1813 में एक चार्टर्ड अधिनियम पारित किया गया जिसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत के साथ व्यापार करने का अधिकार पत्र 20 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया इसके साथ यहां शर्त रखी गई कि अब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ अन्य लोग भी व्यापार कर सकते हैं
1833 का चार्टर्ड अधिनियम
किस एक्टर के द्वारा कंपनी की व्यापारिक अधिकार को पूर्णता समाप्त कर दिया गया
1833 में चार्टर्ड अधिनियम पारित किया गया जिसके माध्यम से ब्रिटेन की सरकार ने यहां स्पष्ट कर दिया कि अब भारत में काम कर रही कंपनी भारत के साथ व्यापार नहीं करेगी बल्कि ब्रिटिश सरकार की ओर से भारत पर केवल शासन करेगी इस एक्टर के द्वारा भारत के लिए नियम बनाया गया कि भारत में किसी भी व्यक्ति से जाति धर्म मूल के आधार पर भेदभाव करना दंडनीय अपराध होगा और इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान भी रखा गया इस एक्टर के द्वारा ही भारत में विधि आयोग की व्यवस्था की गई जिसके अध्यक्ष लॉर्ड मैकाले थे
1853 का चार्टर्ड अधिनियम
किस अधिनियम के द्वारा भारत शासकीय सेवाओं में नाम जादगी समाप्त की गई और प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था की गई
1853 में चार्टर्ड अधिनियम पारित किया गया जिसके माध्यम से यह आदेश पारित हुआ कि अब से भारत में शासकीय सेवाओं और अन्य महत्वपूर्ण स्थान पर कार्य करने के लिए वंशानुगत पद्धति समाप्त की जाती है और अब से इसके लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन होगा इस कार्य के लिए 1854 में लॉर्ड मैकाले की नियुक्ति की गई
1858 का भारत शासन अधिनियम
किस एक्टर के द्वारा भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन के हाथों सौंप दिया गया
1858 में ब्रिटेन की सरकार ने एक अधिनियम पारित किया जिसे 1858 का भारत शासन अधिनियम कहा गया इस एक्ट के माध्यम से भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन को दे दिया गया जिससे कि अब भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का कार्य लगभग समाप्त हो गया इस एक्ट के माध्यम से ही भारत में एक मंत्री परिषद का
सृजन हुआ जिससे मंत्रियों की संख्या 15 हुआ करती थी इसमें से आठ सदस्य ब्रिटिश सरकार और सात सदस्य कंपनी के थे
1861 का भारत परिषद अधिनियम
भारत में विभागीय प्रणाली के जनक कौन माने जाते हैं
1861 में ब्रिटिश सरकार ने भारत परिषद अधिनियम पारित किया जिसमें सबसे पहले तो गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद का विस्तार किया गया और फिर लॉर्ड कैनिंग की नियुक्ति की गई लॉर्ड कैनिंग ने भारत आते ही भारत में विभागीय प्रणाली शुरू की थी इस एक्टर के द्वारा ही भारत के गवर्नर जनरल को पहली बार अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया
1873 का अधिनियम
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को औपचारिक रूप से भंग किया गया
ब्रिटिश सरकार ने 1873 में एक अधिनियम पारित किया जिसके अनुसार उन्होंने यह कह दिया कि कभी भी भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग किया जा सकता है और इस आदेश के तहत 1 जनवरी 1884 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया
1876 का शाही उपाधि अंत अधिनियम
किस एक्टर के द्वारा महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्य घोषित किया गया
1876 में ब्रिटेन ने एक आदेश जारी किया जिसमें इंग्लैंड की महारानी को भारत की साम्राज्य घोषित किया गया
1909 का मार्ले मिंटो सुधार
किस एक्ट को मार लो मिंटो सुधार के नाम से जाना गया
1909 में भारत परिषद अधिनियम पारित किया गया जिसे मार ले मिंटो सुधारक के नाम से जाना गया इस एक्ट के माध्यम से ही भारत में पहली बार मुस्लिम संप्रदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व के लिए उपबंध किया गया लेकिन इस नियम को बनाने के लिए प्रतिनिधि चुनने का अधिकार सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं का होगा इसके प्रमुख लॉर्ड मिंटो थे इसलिए भारत में लॉर्ड मिंटो को भारत में सांप्रदायिकता का जनक भी कहा गया
1919 भारत शासन अधिनियम
किसे मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से जाना गया
1919 में भारत शासन अधिनियम पारित किया गया जिसमें मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से जाना गया इस एक्ट के द्वारा ही केंद्र में विधायक विधायिका की व्यवस्था की गई प्रथम सभा को राज्य परिषद और दूसरी को केंद्रीय विधानसभा कहा गया यह कार्य लियंस कर्टिस के नेतृत्व में हुआ था
how is the constitution of india
By which actor dual administration started in India
In 1813, a Chartered Act was passed in which the British East India Company's license to trade with India was extended for 20 years, with the condition that now others could also trade with the British East India Company.
In 1833, the Chartered Act was passed through which the British government made it clear that now the company working in India will not trade with India but will only rule India on behalf of the British government. A rule was made that discriminating against any person on the basis of caste and religious origin in India would be a punishable offense and for this there was a provision for punishment in the law. It was through this actor that the Law Commission was arranged in India, whose chairman was Lord Macaulay. Were
Chartered Act of 1853
By which Act, barring in Indian government services was abolished and competitive examinations were arranged?
In 1853, the Chartered Act was passed through which the order was passed that from now onwards the hereditary system for working in government services and other important places in India is abolished and from now on, competitive examinations will be organized for this work. Lord Macaulay was appointed in 1854
Government of India Act of 1858
By which actor the rule of India was handed over from the British East India Company to the British Crown
In 1858, the British government passed an act which was called the Government of India Act of 1858. Through this act, the rule of India was transferred from the British East India Company to the British Crown, so that now the work of the British East India Company in India. The Council of Ministers in India almost ended through this Act.
It was created due to which the number of ministers used to be 15, out of which eight members were from the British Government and seven members were from the Company.
Indian Council Act of 1861
Who is considered the father of departmental system in India
In 1861, the British Government passed the Indian Council Act, in which first of all the Executive Council of the Governor General was expanded and then Lord Canning was appointed. Lord Canning started the departmental system in India as soon as he came to India. It was through this actor that The Governor General of India was given the power to issue ordinances for the first time
The British Government passed an Act in 1873 according to which they said that the British East India Company could be dissolved in India at any time and under this order the British East India Company was formally dissolved on 1 January 1884. Went
Royal Titles Abolition Act of 1876
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