रवी कुमार सिहाग (Ravi Kumar Sihag)
यूपीएससी 2018 परीक्षा में हिंदी माध्यम को सर्वोच्च राइम पर चयनित
नाम रवी कुमार सिहाग
पिता का नाम राम कुमार सिहाग
माता का नाम विमला देवी
जन्म तिथि 13 जुलाई 1995
शैक्षणिक योग्यता है बी ए पॉलीटिकल साइंस इकोनॉमिक्स हिंदी लिटरेचर
आदर्श व्यक्तित्व अब्राहम लिंकन महेंद्र सिंह धोनी एलन मस्क
व्यक्तित्व के सकारात्मक पक्ष तनाव प्रबंधन स्वास्थ्य के प्रति सजग निरंतरा रख पाना
व्यक्तित्व के नकारात्मक पक्ष टालने की प्रवृत्ति कभी कभी गंभीरता की प्रवृत्ति
प्रोजेक्ट किचन गार्डनिंग सोशल मीडिया पर लोगों के नजरिए को समझना स्थानी बोली तथा क्षेत्रीय भाषा सीखना
परिणाम से संबंधित कुछ जानकारियां परीक्षा का नाम सीएसके 2018 अनुक्रमांक 11 39479
रैंक 337
परीक्षा का माध्यम हिंदी
हिंदी माध्यम में प्रथम
प्रयास संख्या पहला
Ravi Kumar Sihag
UPSC 2018 exam selected Hindi medium on top rim
Name Ravi Kumar Sihag
Father's name Ram Kumar Sihag
Mother's Name Vimala Devi
Date of birth 13 July 1995
Educational qualification is BA Political Science Economics Hindi Literature
Ideal personality Abraham Lincoln Mahendra Singh Dhoni Elon Musk
Positive aspects of personality stress management
Tendency to avoid the downside of personality
Project Kitchen Gardening Understanding people's attitudes on social media, local language and regional language learning
Some information related to the result name of exam CSK 2018 Roll Number 11 39479
Rank 337
Examination Medium Hindi
First in hindi medium
Effort number first
सिविल सेवा परीक्षा में उच्च रैंक पर चयनित होने पर आपको चयनित होकर कैसा लग रहा है?
रवी कुमार सिहाग- काफी अच्छा लग रहा है खासकर हिंदी माध्यम प्रताप प्रयास में चयनित होना अत्यंत सुखद है
क्या आप इस परीक्षा में सफल होना ही आपके जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य था?
रवी कुमार सिहाग- यह परीक्षा एक माध्यम है जो जीवन में बहुआयामी लक्ष्मी दो द्वार खोलते हैं साथ ही जीवन के उच्च गुणवत्ता समाज सेवा एवं राष्ट्रपति सम्मानित नागरिक और जिम्मेदार लोक सेवा के रूप में स्थापित कर एक आदर्श व्यक्तित्व बनने के साधन के रूप में भी यह सेवाएं मददगार है
सिविल सेवा में ऐसा क्या है कि लाखों युवा इसकी ओर आकर्षित होती है?
रवी कुमार सिहाग- दरअसल सिविल सेवा एक संपूर्ण पैकेज है जो उच्च कोटि के गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ-साथ व्यक्ति का बहुआयामी विकास करने में मददगार है निर्णय क्षमता में वृद्धि विविधता ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ समाज में दृष्टि की सेवा के लिए मार्ग प्रशस्त करने में यह सेवाएं 1 सेतु की बातें कार्य करती है बाकी है सेवाएं सामाजिक सम्मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि तो प्रदान करते ही हैं
क्या आप अपनी तैयारी से संतुष्ट एवं सफलता के प्रति आस्थावान थे?
रवी कुमार सिहाग- दरअसल अगर इसके श्री सिलेबस को देखा जाए तो शत प्रतिशत तैयारी हो पाना एक यूटोपिया है फिर भी यूपीएससी के ट्रेड्स को ध्यान में रखकर यदि विधिवत रूप से निरंतरता के साथ रणनीति बनाकर उस पर कार्य किया जाए तो एक डेढ़ वर्ष पर्याप्त है मैंने लगभग इतने ही वर्ष के गंभीर अध्ययन उपरांत सफलता अर्जित की है
आपकी सफलता के मूल में कौन से सूत्र रहे?
रवी कुमार सिहाग- निरंतरता धैर्य नकारात्मक भावनाओं को अपनी सकारात्मक एवं मेहनत के साथ न्याय नियंत्रित कर पाना और आनंद पूर्वक एवं ईमानदारी पूर्वक तैयारी करना आनंद से भी प्यारे हैं दैनिक एवं सप्ताहिक लक्ष्यों को इमानदारी पूर्वक पूरा करने से मिलने वाले सुख से है
अपनी योग्यता और परिश्रम के अलावा आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे?
निसंदेह सर्वोच्च जोगिया दान के रुप में माता-पिता मेरे बाद मेरे बड़े भाई पंकज सहित विनोद जाखड़ साहिल खान मीना तथा जैसे मित्रों ने मुझे जीवन प्रेरित एवं उत्साहित बनाए रखें संस्थानों से दृष्टि संस्थान दिव्यकीर्ति सर के उचित मार्गदर्शन के साथ-साथ यह की किताबों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेरी तैयारी करने नीम मदद की है वहीं कई स्तरों पर अन्य कोचिंग संस्थान का भी योगदान रहा
आपका आपके वैकल्पिक विषय क्या थी क्या इसके लिए पढ़ाई श्रद्धा के आगे के स्तर की पढ़ाई की थी यदि नहीं तो इसके चयन का आधार क्या था?
मेरा वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य था मेरी स्नातक की पढ़ाई में ना रहते हुए भी मुख्य परीक्षा में उच्च प्राप्ति में मददगार रहा इसकी वजह छोटा सिलेबस होना उच्च लड़ाई होना हिंदी मीडियम के लिए वरदान के भांति है हिंदी विषय कई लोग कहते हैं कि कुछ वैकल्पिक विषय दूसरे विषय की तुलना में छोटे आसान व अधिक अंक दाई और इसलिए वह ज्यादा लोकप्रिय होते हैं आपकी राय में क्या यह बात ठीक है क्या आप के वैकल्पिक विषयों के चयन में उसकी लोकप्रियता को भी आधार बनाया था
यह बात काफी हद तक सही है क्योंकि अनेक विषयों में एड़ी चोटी का जोर लगा देने के बाद भी उतने ही नहीं आते जितने हिंदी साहित्य में तुलनात्मक रूप से कपड़े ने पर भी बाकी परिणाम परीक्षा परिणामों के ट्रेड इस बात की पुष्टि करते हुए भी प्रतीत होते हैं?
प्रारंभिक परीक्षा में मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति बनाई
सबसे पहले संपूर्ण सिलेबस एवं पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी के माध्यम से न्यू मजबूत की उसके बाद महत्वपूर्ण खंडों पर अधिक बल दिया कुछ भी सा जैसे राज व्यवस्था में मानक किताबें पढ़ें साथ ही मैच में कुछ टॉपिक जैसे विश्वा इतिहास पर नाम मात्र का बल दिया दिन में दो विषय के साथ कुछ समय करंट अफेयर को देना मेरा रणनीति का मुख्य हिस्सा था साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात थी बार-बार रिवीजन करना?
अधिकांश सफल उम्मीदवार बताते हैं कि वह के परीक्षा में सफलता का एक बड़ा आधार उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली में छिपा है क्या आप इस राय से सहमत हैं आपकी राय में उत्तर लिखने के सही शैली क्या होनी चाहिए इसके विकास के लिए क्या तरीका अपनाया जाना चाहिए?
रवी कुमार सिहाग- बिल्कुल सही है कि उत्तर लेखन ही सफलता हेतु मुख्य उपकरण है द लेखन की शैली में निश्चित आकार एवं उचित शब्दों से युक्त उत्तर जीएस में पॉइंट्स वेन डायग्राम नक्शे सारणी आदि बनाना तथा भूमिका एवं निष्कर्ष अनिवार्य रूप से लिखना महत्वपूर्ण है और इस सभी सुविधाओं को विकसित करने हेतु उचित टेस्ट सीरीज जॉइन का अधिक से अधिक उत्तर लिखे जाए तथा कमियों को सुझाव पर अमल कर और विकास किया जाए
नोट्स बनाने चाहिए या नहीं अगर बनाने चाहिए तो कितनी और कैसे कृपया अपने अनुभव के आधार पर बताएं?
नोट्स केवल उन्हीं टॉपिक के बनाया जाए जो अत्यंत महत्वपूर्ण है या फिर उन्हें याद करने में आपको दिक्कत महसूस हो रही है मेरी परम भी परीक्षा को लेकर नोट्स नहीं बनाए किंतु मुख्य परीक्षा के लिए कुछ विषय या था भारतीय समाज अंतर्राष्ट्रीय संबंध आदि के लिए नोट्स बनाएं ध्यान रहे नोट से स्पष्ट खुले एवं संक्षिप्त होना चाहिए
पर हमें परीक्षा में मनोवैज्ञानिक रूप से तैयारी करने में टेस्ट सीरीज उपयोगी है किंतु मुख्य परीक्षा में टेस्ट सीरीज अनिवार्य उपकरण की बातें प्रतीत होती है बिना टेस्ट सीरीज के मुख्य परीक्षा निकालना अत्यंत कठिन है उसी प्रकार इंटरव्यू से पहले भी माफ टेस्ट आपके सामने आपके मजबूत व कमजोर पक्षों का एक खाका प्रस्तुत कर देता है
मुख्य परीक्षा के परिणाम के बाद आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की कृपया इंटरव्यू की तैयारी के लिए कुछ अन्य सुझाव भी दे?
इंटरव्यू के समय में बहुत सकारात्मक रहा बिना तनाव के समसामयिक मुख्य मुद्दों पर अपने निर्णय में बनाना कुछ मीरा प्रैक्टिस करना और कुछ मॉक टेस्ट देने आदि के कार्य भी है मैंने किए थे इंटरव्यू के दौरान अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अंग्रेजी सुधारने जैसे कार्य को भी महत्व दिया साथ ही नकारात्मक लोगों से दूर रहते हुए तैयारी की
हमने कई टॉपर से सुना है कि वह इंटरव्यू से तुरंत पहले काफी नर्वस है और तनाव का प्रबंधन करने में कठिनाई महसूस कर रहे थे क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ यदि आपको बिल्कुल तनाव नहीं हुआ यदि हां तो क्यों?
तनाव जैसा तो अधिक कुछ नहीं हुआ किंतु उस समय मां के इंटरव्यू के दौरान दिए गए अच्छे रिव्यू को याद करने में मुझ में ऊर्जा आई और मैं सफलता से प्रदर्शन कर पाया
क्या यह जरूरी है कि सिविल सेवा परीक्षा के उत्तर लिखते समय या इंटरव्यू में उत्तर देते समयावधि सरकार की नीतियों व दृष्टिकोण का समर्थन किया जाए क्या किसी मुद्दों पर सरकार की राय का विरोध किया जा सकता है?
आपको विनम्र के दो सकारात्मक रहना चाहिए यदि सरकार की बात से सहमत ना हो तो आपका दृष्टिकोण सुधारक का हो ना कि आलोचक साथ ही आप भारत सरकार से असहमत हो सकते हो किंतु भारत राज्य या भारतीय संविधान से नही
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय क्या है इन के साथ-साथ उसके तुरंत बाद या कुछ और आपने तैयारी कब शुरू कर दी थी क्या आप इस संबंध में अपनी रणनीति को सटीक मानते हैं?
रवी कुमार सिहाग- तैयारी कभी भी शुरू की जा सकती है अगर तैयारी करनी है तो वे जैसन के साथ एनसीआरटी आदि को पढ़कर न्यू मजबूत करने की जरूरत है बाकी अच्छा है कि निर्देशन में वहां की पढ़ाई को उचित रूप से जारी रख जिंदगी को जिया जाए सिविल सेवा की तैयारी कीजिए सब दुकान स्टार्ट की जाए
परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आपकी राय में कुल कितना समय दिया जाना चाहिए?
प्रारंभिक से पहले एक बार में उसका संपूर्ण सिलेबस पढ़ा जाना चाहिए बाकी लगभग विषय में अनेक परिवार में समान ही है अच्छा है कि प्रारंभिक से तीन-चार माह पहले केवल प्रारंभिक पर ध्यान दिया जाए
आपकी राय में परीक्षार्थियों के लिए आदर्श दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?
रवी कुमार सिहाग- हमें दो प्रकार की लक्ष्य निर्धारित करनी चाहिए अल्पकालीन दैनिक और दूसरा दीर्घा कालीन सप्ताहिक अधिक लंबे व बड़े लक्ष्य जो पूरे ना हो सके तैरना किया जाए लक्ष्य माध्यम हो तो आप पूरे कर आनंद के साथ सो पाए बाकी दिनचर्या के संबंध में मैंने पर्याप्त नींद नियमित एक्सरसाइज जो अच्छे भोजन पर बहुत बल दिया पढ़ाई दिन में हो या रात में कोई फर्क नहीं पड़ता किंतु दिन को प्राथमिकता देता था
उम्मीदवार को सिर्फ इस परीक्षा के लिए ऊर्जा लगानी चाहिए यात्रा अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बना कर चलना चाहिए आपने इसमें से कौन सा रास्ता चुने?
रवी कुमार सिहाग- दोनों रास्ते के अपने फायदे और नुकसान है किंतु मेरे हिसाब से जो लक्ष्य लेकर चले उसी पर फोकस किया जाए विद्यार्थी को अपनी पृष्ठभूमि आत्मविश्वास एवं समय अनुसार निर्णय लेना चाहिए
परिवारिक एवं शैक्षणिक पृष्ठभूमि का परीक्षा की तैयारी पर कितना प्रभाव पड़ता है?
निश्चित रूप से कुछ फर्क तो पड़ता है किंतु कठिन मेहनत पर कमी की भरपाई की जा सकती है अतः विद्यार्थी भूतकाल के चिंता ना कर वर्तमान पर उजाला का जो भविष्य में अतीत की कमी को पूरा किया जा सकता है
विद्यार्थियों के बीच या धारणा काफी प्रचलित है कि सिविल सेवा में सफल होने के लिए रोज 16 से 18 घंटा पढ़ना जरूरी है क्या यह बात सही है अपने अनुभव को बताइए कि रोजाना औसतन कितने घंटे पढ़ाई लगाए जाने चाहिए क्या थोड़ा बहुत समय घूमने फिरने खेलने के लेना उचित है अगर हां तो कितना?
मेरा उच्चतम अध्ययन सनम से 10 घंटे रहता है कभी 12 घंटे तो कभी 7 घंटे भी एक से अधिक पढ़ना शाम को नुकसान पहुंचाना है हमेशा मनोरंजन शारीरिक व्यायाम सदा खिलाड़ी करते रहे रोबोट की भारतीय पढ़ाई ना करें इंसान बने रहने का परिचय देते रहना चाहिए
परीक्षा की तैयारी के दौरान होने वाले मानसिक तनाव से कैसे ऊपर आ जाए आप इसके लिए क्या युक्ति अपनाते थे?
मानसिक तनाव से उबरने का सर्वोत्तम उपाय है अपने मजबूत पक्षों की दूसरे से तुलना करना भूतकाल में किसी व्यक्तित्व की आपके बारे में दी गई अच्छी राय को याद करना कुछ खेल खेलना या अच्छे मित्रों से बातचीत करना मैं प्राया इन्हीं शब्दों का प्रयोग करता था
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